20 मई 2024

पोषक तत्व किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?



Poshak Tatv Kise Kahate hain
पोषक तत्व 


दोस्तों, आपका स्वागत है। भोजन  हमारी मूलभूत आवश्यकता है, तो पोषक तत्व जीवन का आधार। परंतु क्या आप जानते हैं कि पोषक तत्व किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं? पोषक तत्व भोजन में मौजूद अदृश्य रसायन हैं। यह शरीर को पोषण, ऊष्मा एवं ऊर्जा प्रदान कर उसे मजबूत बनाती है। कोशिकाओं का निर्माण, मरम्मत, उपापचय का नियंत्रण और इम्यूनिटी बढ़ाकर शरीर को स्वस्थ बनाता है। इसके मुख्य 7 प्रकार हैं – कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, मिनरल्स, पानी और फाइबर। 

शरीर को सेहतमंद बनाए रखने में सभी पोषक तत्वों की अहम भूमिका है। इसकी कमी या अधिकता से हमारे शरीर में कई बीमारियां हो जाती है। जैसे- एनीमिया, मोटापा, कैंसर, हृदय रोग,  रक्तचाप, डायबिटीज़, थायराइड इत्यादि। पोषक तत्वों  के मुख्य स्रोत हैं- अनाज, दालें, दूध, फल, सब्जी, तेल, मांस, मछली, अंडा,चीनी, नमक इत्यादि। 


Nutrients
Nutrients 


शरीर को ज्यादा मात्रा में आवश्यक पोषक तत्व को स्थूल पोषक तत्व (Macronutrients) कहते हैं, जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा। कम मात्रा में आवश्यक पोषक तत्व को सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients) कहते हैं, जैसे विटामिंस, मिनरल्स। 

माइक्रोन्यूट्रिएंट्स से शरीर को ऊर्जा नहीं मिलती, परंतु इसके बिना मैक्रोन्यूट्रिएंट्स सही तरीका से कार्य नहीं करते हैं। पानी और आहारीय रेशा को भी महत्वपूर्ण पोषक तत्व माना गया है। इस लेख "पोषक तत्व किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?" में पोषक तत्वों की पूरी जानकारी दी गयी है।


पोषक तत्व किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?


भोजन (आहार) हमारी सिर्फ मूलभूत आवश्यकता ही नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। भोजन में कई तरह के रसायनिक यौगिक (तत्व) होते हैं, जो दिखाई नहीं देती। इन अदृश्य रासायनिक पदार्थों को पोषक तत्व या न्यूट्रिएंट्स  कहते हैं। पोषक तत्वों से शरीर को ऊष्मा एवं ऊर्जा मिलती है। शरीर की जैविक क्रियाओं की सुचारू रूप से संचालन में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। यह इम्यूनिटी को मजबूत कर शरीर की रक्षा करती है। नयी कोशिकाओं का निर्माण, मरम्मत, उपापचय का नियंत्रण और शरीर को स्वस्थ्य बनाना पोषक तत्वों की मुख्य कार्य है।


शरीर को अधिक मात्रा में आवश्यक पोषक तत्वों को स्थूल पोषक तत्व  (Macronutrients) कहते हैं। इसी प्रकार, कम मात्रा में आवश्यक पोषक तत्वों को सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients) कहते हैं। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा (Fats) मैक्रोन्यूट्रिएंट्स हैं, तो विटामीन और मिनरल्स माइक्रोन्यूट्रिएंट्स । पानी और आहारीय रेशा (Dietary Fiber) भी महत्त्वपूर्ण पोषक तत्व हैं। तो आइए इन 7 पोषक तत्वों (7 Nutrients In Hindi) को जानें।



पोषक तत्व क्या है? – What Are Nutrients In Hindi


यहां एक बात जानना जरूरी है। जिन चीजों को खाया जा सकता है और उससे शरीर का पोषण हो, उसे खाद्य पदार्थ या भोज्य पदार्थ करते हैं। कई सारे खाद्य पदार्थों से मिलकर हमारा भोजन बना होता है


पोषक तत्व की परिभाषा – Definition Of Nutrients In Hindi

 


पोषक तत्व का वर्गीकरण – Classification Of Nutrients In Hindi
 


पोषक तत्व के प्रकारों का वर्णन – Types Of Nutrients In Hindi

 

 1. कार्बोहाइड्रेट

  2. प्रोटीन

   3. वसा

   4. विटामिन


   वसा में घुलनशील विटामिन


        विटामिन ए


        विटामिन डी


        विटामिन ई


        विटामिन के


   जल में घुलनशील विटामिन


       विटामिन बी कॉम्प्लेक्स


       विटामिन सी

    

  5. खनिज लवण

 


  6.पानी


  7.आहारीय रेशा


पोषक तत्व का महत्व

 


पोषक तत्वों की कमी


 पोषक तत्वों की कमी के लक्षण 


 पोषक तत्वों की कमी से होने 

वाले रोग

 


पोषण और पोषक तत्व में अंतर

 


Conclusion :

 


FAQs


 

09 मई 2024

केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan

 केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan


Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan
Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan 

दोस्तों, एक बार फिर आपका स्वागत है। डॉक्टर और एक्सपर्ट फल को सेहत के लिए फायदेमंद बताते हैं। परंतु फल नुकसान भी करता है। केला एक ऐसा ही फल है। यह लेख केला खाने के फायदे और नुकसान (Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan) के बारे में है। 

केला  एक स्वादिष्ट, मीठा, पौष्टिक एवं सस्ता फल है। इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं। इसके फल, पत्तियां, बीज और जड़ सभी के फायदे हैं। केला कार्बोहाइड्रेट और विटामिन- बी का उच्च स्त्रोत है। यह हार्ट, उच्च रक्तचाप, अल्सर, गठिया और पेट के लिए फायदेमंद होता है।

केला में पोटेशियम 9% होता है, जो शरीर को नुकसान भी करता है। इसमें लैटेक्स होता है। यह एलर्जी उत्पन्न कर शरीर में सूजन, दर्द, सर्दी-खांसी और सांस की बीमारियों को पैदा करता है। इसे ज्यादा खाने से मोटापा, कब्ज होता है।


केला का वैज्ञानिक नाम मूसा पारादेसिका (Musa paradesica) है। यह कुल-मूसासी (Family-Musaceae) का एक घासदार पौधा है। भारत में केला, उत्पादन में पहले स्थान पर और फलों के क्षेत्र में तीसरे नंबर पर है। 

भारत के अंदर महाराष्ट्र राज्य में केले की सर्वोच्च उत्पादकता है। केले का उत्पादन करने वाले अन्य राज्य जैसे कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश और आसाम है। 

केले से विभिन्न तरह के उत्पाद जैसे चिप्स, केला प्यूरी, जैम, जैली, जूस आदि बनाये जाते हैं। केले के फाइबर से बैग, बर्तन और वॉली हैंगर जैसे उत्पाद बनाये जाते हैं।

तो आइए इस ब्लॉग पोस्ट "केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan" में जानें, केला के बारे में।  


केला के बारे में कुछ रोचक तथ्य-Some Facts About Banana In Hindi 

  • फल का नाम : केला (Banana)
  • वनस्पति नाम : मूसा पारादेसिका (Musa paradesica) 
  • कुल : मूसासी (Family-Musaceae) का एक घासदार पौधा 
  • फल का प्रकार : स्वादिष्ट, मीठा, पौष्टिक, उपयोगी एवं सस्ता 
  • उपलब्धता : पूरे साल, आसानी से हर जगह 
  • डॉक्टरों के अनुसार : केला खाने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलता, जल्दी पच जाता और कई स्वास्थ्य लाभ हैं।
  • मूल निवासी : दक्षिण पूर्व एशिया के उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र इंडोमाल्या और ऑस्ट्रेलिया। 
  • सबसे पहले खेती : संभवतः  पपुआ न्यू गिनी 
  • उपज : वर्तमान में 135 देशों में, लगभग सभी उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में। 
  • उत्पादन : भारत और चीन में सबसे ज्यादा। 
  • प्रसिद्धि : भारत में प्राचीन काल से स्वादिष्ट, पाचक एवं लोकप्रिय फल के रूप में प्रसिद्ध। 
  • खेती : पूरे भारत के लगभग सभी प्रांतों में।

केला का पोषण मूल्य-Nutrition Value Of Banana In Hindi 


प्रति 100 ग्राम पक्का केला में पोषक तत्वों की मात्रा:

मैक्रोन्यूट्रीएंट्स (Macronutrients):

  • ऊर्जा                 :  88 किलो कैलोरी
  • कार्बोहाइड्रेट     :  23 ग्राम 

                    - आहारीय रेशा  :  02.6 ग्राम  

                    - शर्करा            :  12 ग्राम

  • प्रोटीन              :  01.1 ग्राम
  • वसा                 :  300 मिलीग्राम 
- संतृप्त वसा     :  100 मिलीग्राम
- बहु असंतृप्त वसा  :  100 मिलीग्राम 

 

सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients) :

  • विटामिन (Vitamins) :
- विटामिन A          :  64 IU
- विटामिन B6        :  400 माइक्रोग्राम
- नियासिन             :  665 माइक्रोग्राम
- पैंथोथेनिक एसिड :  334 माइक्रोग्राम
- थायमीन              :  31 माइक्रोग्राम
- विटामिन C          :  8.7 मिलीग्राम
- विटामिन K          :  1% 
  • खनिज लवण (Mineral Salts) :
- कैल्शियम      :  5 मिलीग्राम
- मैग्निशियम     :  27 मिलीग्राम
- सोडियम       :   01 मिलीग्राम
- पोटैशियम    :   358 मिलीग्राम
- फॉस्फोरस   :   22 मिलीग्राम
- लौह तत्व     :   300 माइक्रोग्राम
- तांबा           :   78 माइक्रोग्राम
- जिंक          :   115 माइक्रोग्राम
- सेलेनियम   :    01 माइक्रोग्राम
 

  केला का वर्गीकरण-Cassification Of Banana

हिन्दी में:

  • जगत             :  पौधे
  • उप जगत       :  ट्रेकिओबाओन्टा (संवहनी पौधे)
  • महाविभाजन   :  स्पेर्मेटोफाइटा बीज पौधे
  • विभाजन         :  मैग्नोलिओफाइटा पुष्पीय पौधे
  • वर्ग                :  लिलिओप्सिड (एक बीज-पत्री)
  • उप वर्ग          :  ज़िंगबेरीडी
  • गण               :   ज़िंजिबेरेल्स
  • कुल              :   मूसासी
  • वंश               :   मूसा
  • प्रजाति           :   मूसा पारादेसिका
# केला की वंश-मूसा (Genus- Musa) की अभी तक 70 ज्ञात प्रजातियां हैं। 
# इसमें से 2 प्रजातियां संकर प्रजातियां (Hybrid Species) हैं-  
M. balbisiana  
M. sapientum

English में :

  • Kingdom          :  Plantae (Plants)
  •  Subkingdom    :  Tracheobionta  (Vascular Plants)
  • Super division :  Spermatophyta (Seed Plants)
  • Division           :  Magnoliophyta (Flowering Plants)
  • Class              :  Liliopsida (Monocotyledons)
  • Subclass.       : Zingiberidae
  • Order             :  Zingiberales
  • Family            :  Musaceae
  • Genus            :  Musa
  • Species          :  M. paradisica,  M. acuminata


विभिन्न भाषाओं में केला के नाम | The Name of Banana  In Different Languages In Hindi


  • हिंदी       :  केला, कदली
  • संस्कृत    :  कदली, वारणा,मोचा, अम्बुसारा, अंशुमतीफला
  • भोजपुरी  :  केला, केरा
  • अंग्रेजी    :  Banana, Plantain, Adam's Fig
  • उर्दू         :  केला
  • बंगाली     :  केला, कोला, कोदली
  • पंजाबी     :  केला, खेला
  • असमिया  :  कोल, ताल्हा
  • उड़िया      :  कोदोली, रानो कोदिली
  • गुजराती    :  केला
  • तेलगू        :  अरटी, कदलम्
  • तमिल      :  कदली, वलई
  • कन्नड़      :  बालेहन्नु
  • मलायम   :  वला, क्षेत्र कदली, कदलम
  • मराठी     :  केला, कदली
  • अरबी     :  शाजरातुल्तहल (Shajratultahl)
  • फारसी    :  तुहलतुला, मौज


 जानें केला के पेड़ के बारे में- Know About Bananas Tree In Hindi


 तना (Stem):

  • केला का तना वास्तविक तना नहीं होता है।
  • इसलिए इसे "छ्द्मतना (Pseudostem) कहते हैं।
  • मोटा, चिकनी एवं सीधा ।
  • ऊंचाई: 2 - 8 मीटर तक।
  • फल लगने के बाद छ्द्मतना सूख कर मर जाता है। 
  • फिर दूसरा छ्द्मतना उसके जड़ से निकलने लगता है, जिसमें फल लगता है।

 फल (Fruit) :

  • मुख्य रूप से  केले की खेती फल के लिए ही की जाती है।
  • केले का फल गुच्छों में कतारबद्ध लगते हैं। गुच्छे के एक कतार में 3-20 केले होते हैं।
  • बाहरी परत में छिलका होता है तथा भीतर के मांसल भाग को खाया जाता है।

रंग (Color) :

  • कच्चा  :  हरा
  • पक्का : पिले, लाल, हरा, भूरा एवं बैगनी। अलग-अलग प्रजातियों में अलग-अलग रंग के।

वजन (Weight) :

  • फल का औसत वजन : 125 ग्राम
  • गुच्छे का वजन : 30-50 किलोग्राम तक
  • फल में जल की मात्रा : 75 %


आयुर्वेद के अनुसार केला के बारे में-About Banana According To Ayurveda


भावप्रकाश निघंटु में श्री भाव प्रकाश मिश्रा केला (कदली) के बारे में लिखें हैं-


कदली    वारणा   मोचाम्बुसारांशुमतीफला ।

मोचाफलं स्वादु शीतं विष्टम्भि कफनुद गुरु ।।


स्निग्धं पित्ताश्त्रतृड्दाहक्षतक्षयसमीरजित् ।

पक्कं स्वादु हिमं पाके स्वादु वृष्यञ्च बृंहणम् ।।

क्षुत्तृष्णानेत्रगदहृन्मेहघ्नं        रूचिमांसकृत ।। 


अनुवाद हिंदी में :-

केला के संस्कृत में नाम हैं- कदली, वारणा, मोचा, अम्बुसारा तथा अंशुमतीफला।

कच्चे केला :  स्वादिष्ट, शीतल, विष्टम्भक, कफकारक, गुरु (भारी), स्निग्ध (चिकना), पित्तनाशक, रक्तविकार को दूर करनेवाला, प्यास, दाह, क्षत, क्षय तथा वात को दूर करने वाला होता है।

पक्का केला : स्वादिष्ट, शीतल, विपाक में मधुर रसयुक्त, वृष्य (वीर्यवर्धक), बृंहण (रस-रक्तादिवर्धक), रुचि तथा मांस को बढ़ाने वाला एवं भूख प्यास नेत्र रोग तथा प्रमेह नाशक हैं।


केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan 

फल खाने के फायदों से इनकार नहीं किया जा सकता है।  लेकिन फल खाने से हमारे सेहत को नुकसान भी हो सकता है। 

बेशक केला एक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है। परंतु केला खाने के फायदे और नुकसान दोनों हैं।


कच्चा केला खाने के फायदे :


  • कच्चा केला पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण काफी फायदेमंद। 
  • प्रचुर मात्रा में रेशा के कारण पाचन क्रिया को ठीक करता है।
  • कच्चे केला में पाए जाने वाला पोटैशियम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान कर शरीर को सक्रिय बनाए रखता है।
  • इसमें उपस्थित आहारीय रेशा शरीर की वसा को कम कर मोटापा का नियंत्रण करता है।
  • अन्य पदार्थों के साथ मधुमेह में प्रयोग।

कच्चा केला के उपयोग:

  1. सब्जी बनाने में।
  2. चिप्स बनाने में।

पक्का केला खाने के फायदे:

  • पक्का केला मिट्ठा, स्वादिष्ट एवं ठंडे प्रकृति (तासीर) का होता है।
  • इसमें पोषक तत्व- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामि-सी, विटामिन बी-6 और खनिज पदार्थ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
  • यह हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है।
  • रक्त की अम्लता को कम करता है।
  • पाचन क्रिया में सुधार करता है।
  • अतिसार एवं पेचिश में लाभदायक।
  • आंव - मल, पेचिश एवं आंतों की अल्सर में दूध में घोलकर पीने से लाभ होता है।
  • बच्चों की पतले दस्त को ठीक करता है।
  • शरीर को तुरंत ताकत देता है।
  • शरीर की वजन को बढ़ाता है।
  • गुर्दे और शरीर को मजबूत बनाता है।
  • सुखी खांसी एवं दमा में लाभदायक।
  • गले की खराश को दूर करता है।

केला के फायदे - Health Benefits Of Banana In Hindi 

  • केला स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। 
  • इसके कच्चे फल, पक्के फल, पत्तियां एवं जड़ सभी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। 
  • इसका प्रयोग घरेलू चिकित्सा के रूप में सदियों होता आ रहा है।
  • यहां कुछ परीक्षित नुस्खों का वर्णन दिया जारहा है। इसका प्रयोग करने पर आपको स्वास्थ्य लाभ होगा।

1. पीलिया (Jaundice) में केला खाने के फायदे

  • एक साबूत बिना छिला हुआ पक्का केला लें।
  • उसके ऊपर बुझा हुआ चुना (पान में खाने वाला चुना) लगाकर खुले आसमान के नीचे ओस  में रख दें।
  • सुबह इसे छिलकर खाली पेट पीलिया (Jaundice) के रोगी को खाने को दें।
  • इसका प्रयोग लगातार 7 - 21 दिनों तक करने पर Jaundice ठीक हो जाता है।

2. रक्ताल्पता (Anaemia) में केला के फायदे

  • केला में प्रचुर मात्रा में लौह , मैग्निशियम तथा तांबा पाया जाता है। यह शरीर में  हीमोग्लोबिन बनाता है। 
  • नियमित रूप से रोजाना खाना खाने के आधा घंटा बाद पक्का केला खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन (Hb) का निर्माण होता है।
  • जिससे रक्ताल्पता यानी खून की कमी (Anaemia) दूर  जाती है।

3. कब्ज (Constipation) में केला के फायदे

  • नियमित रूप से रोजाना कच्चे केले का सब्जी या भोजन के बाद पक्के केले को अच्छी तरह से चबाकर खाएं। 
  • इससे केला में पाया जाने वाला Dietary Fibre आंतों की सफाई कर कब्ज की  समस्या को ठीक कर देता है।

4. अतिसार, पेचिश एवं संग्रहणी (Diarrhea & Dysentery) में केला के फायदे

  • रोजाना पक्के केले को दही के साथ खाएं। इससे अतिसार, पतला दस्त, पेचिश, आंव,  मल तथा संग्रहणी में बहुत लाभ होगा।
  • पक्के केले को पेड़ा के साथ खाने पर Diarrhea और Dysentery में बहुत लाभ होता है। पेड़ा एक प्रकार का दूध के खोवा से बना मिठाई है। 
  • पेचिश तथा आंतों की बीमारियों में पक्के केले को दूध में घोलकर (Banana Milk Shake) पीना काफी फायदेमंद होता है।

5. अल्सर (आंतों की घाव) में केला के फायदे

  • केला अम्लता को कम कर अल्सर के रोगियों के लिए एक अच्छी औषधि का कार्य करता है।

6. सुखी खांसी (Dry Cough) में केला के फायदे

  • केले का शर्बत सुखी खांसी में लाभदायक होता है।

केले का शर्बत बनाने की विधि :

  • पक्के हुए 5 केले लें। 
इसे छीलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें ।
  • फिर उसमें थोड़ी  चीनी तथा एक गिलास गर्म पानी मिला दें। 
  • अब बर्तन को बंद कर उसे आग पर थोड़ा गर्म करें।
  • गर्म करने पर वह शर्बत बन जाएगा।
  • इस शर्बत को हल्का गर्म ही सुखी खांसी के रोगी को नियमित रोजाना सुबह-शाम पीने से  बहुत लाभ होगा।


7. दमा (Asthma) में केला के फायदे


  • एक छिलका सहित पक्का केला लें। उसे काट कर छोटा-छोटा टुकड़ा कर लें।
  • टुकड़ों में नमक और काली मिर्च का पाउडर लगाकर रात को खुले आसमान में रख दें।
  • सुबह टुकड़ों को आग पर भून कर दमा के रोगी को खाने को दें।
  • इस विधि से केला के सेवन से दमा के रोगी को बहुत लाभ होते देखा गया है।


8. श्वेतप्रदर (Leukorrhea) में केला के फायदे


श्वेतप्रदर यानी ल्यूकोरिया【Leukorrhea in American English and Leucorrhea in British Englis】स्त्रियों में होने वाला एक आम बीमारी  है। इस रोग में केला एक कारगर औषधि का कार्य करता है -


एक पक्का केला को 5 ग्राम शुद्ध देसी घी के साथ प्रतिदिन सुबह व शाम खाने से श्वेतप्रदर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है।


केला को दूध का खीर बनाकर नित्य सुबह व शाम खाने से ल्यूकोरिया में बहुत लाभ होता है।


रोजाना 2 केले को भोजन के बाद खाना भी श्वेतपरर में फायदेमंद होता है। ऐसा मेरे रोगियों पर मेरा अनुभव है।


9. चेहरे पर केले के प्रयोग के फायदे


एक पक्का केला को टुकड़ा कर इसे शहद में मिलाकर पेस्ट (Paste) बना लें। इस Paste को आंखों और इसके आस-पास के भाग को छोड़कर चेहरे पर लगाकार कुछ देर छोड़ दें। फिर चेहरे को पानी से साफ कर लें।


फायदे :


चेहरे पर चमक आ जायेगी।

चेहरे में कसाव आएगा अर्थात् चेहरा Tone- up हो जाएगा।

केले और शहद के इस पेस्ट को चेहरे पर नियमित प्रयोग से चेहरे का झुर्रियां भी खत्म हो जायेगा।


10. कृशता (दुबलापन) में केला के फायदे:


रोजाना लगातार दो केले को एक गिलास दूध के साथ एक से डेढ़ माह तक खाएं। इससे शरीर का वजन बढ़ कर कृशता (दुबलापन) दूर हो जाएगी। मोटा होने का यह अचूक प्रयोग है।


11. बच्चों की मिट्टी खाने की आदत:


एक-दो खूब पक्का हुआ केले को शुद्ध देसी घी में तल दें। फिर उसे शहद में मिलाकर मिट्टी खाने की आदत वाले बच्चा को खिला दें।


कुछ ही दिनों में उस बच्चे की मिट्टी खाने की आदत छूट जाएगा।


केला खाने से नुकसान-Side Effects Of Eating Banana In Hindi


अभी तक हमलोगों ने केला खाने के फायदे को देखेंl परंतु क्या आप जानते हैं कि कच्चे, अध-पक्के, बहुत पक्के या बहुत ज्यादा केला खाने से नुकसान भी होता हैl


वैसे तो केला खाने से कोई गंभीर समस्या उत्पन्न नहीं होती है फिर भी किसी-किसी को केला खाने से निम्नलिखित स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं-


एलर्जी


सर्दी-खांसी 


जुकाम


दमा रोगियों के लिए नुकसानदायक


सिरदर्द 


सांस लेने में कठिनाई


डकार


पेट का फूलना


सूजन


कब्ज


उल्टी


पेट में 

दर्द या ऐंठन


पेट में जलन


मतली


पतला दस्त 


दानें


संवेदशीलता


रक्त शर्करा में वृद्धि


मोटापा


दांत संबधित समस्या


नींद की  कमी इत्यादि।


अस्वीकरण (Disclaimer) :

इस ब्लॉक पोस्ट में सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए जानकारी दी गई है। 

 निष्कर्ष: 


हमलोग इस आर्टिकल केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan को  देखा।इस पोस्ट में आप जानें कि बेसक केला एक स्वादिष्ट, मीठा, पौष्टिक, लोकप्रिय  एवं सस्ता फल है।  एक तरफ केला खाने के कई फायदें हैं, तो दूसरी तरफ यह नुकसान भी कर सकता है। इसलिए केला को अपने शरीर की प्रकृति और स्वाथ्य की स्थिति के अनुसार खाएं। आप केला को कब और कैसे खाएं, बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर या डाइटीशियन से राय ले लें।

धन्यवाद ...  

Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan



04 मई 2024

जानें, रोज ओट्स खाने के फायदे-Oats Khane Ke Fayde In Hindi


Oats Khane Ke Fayde In Hindi
Oats Khane Ke Fayde In Hindi


दोस्तों, आपका स्वागत है। आप ओट्स का नाम अवश्य सुने होंगे। परंतु क्या आप ओट्स खाने के फायदे को जानते हैं।  इस लेख में हम Oats Khane Ke Fayde In Hindi के बारे में जानेंगे। ओट्स (Oats) को हिंदी में जई (Jaee) कहते हैं। इसका वनस्पति नाम एवेना सैटिवा एल (Avena sativa L)   है। इसमें उच्च स्तरीय विटामिंस, मिनरल्स, फाइबर एवं एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता। रोजाना 30-40 ग्राम ओट्स खाने से शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं। ओट्स इम्युनिटी को बढ़ाकर शरीर की रक्षा करता है। फ्री रेडिकाल के प्रभाव को काम करता है। मोटापा, हृदय रोग, कैंसर, डायबिटीज जैसे घातक बीमारियों से बचाता है। 


Oats
Oats 


ओट्स (Oats In Hindi) को पहले घास और जानवरों का चारा समझा जाता था। परंतु आज पूरी दुनिया इसे   सुपरफूड मान रही है। क्योंकि इसमें कई आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। प्राकृतिक रूप से ओट्स ग्लूटेन फ्री होता है। यह शरीर को खतरनाक बीमारियों से बचाकर, स्वस्थ व तंदुरुस्त बनाता है। आप इसे नाश्ते में शामिल कर दिनभर Energetic और Healthy बने रहेंगे। ओट्स के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, परंतु यह किसी-किसी को नुकसान भी करता है। इस ब्लॉग पोस्ट जानें, रोज ओट्स खाने के फायदे - Oats Khane Ke Fayde In Hindi में ओट्स की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।


जानें, रोज ओट्स खाने के फायदे - Oats Khane Kayde In Hindi


आज  हमारी जीवनशैली और खानपान में अनियमितता बढ़ती जा रही है। शरीर की Immunity कमजोर हो रही है। मोटापा, हृदय रोग और कैंसर जैसी जीवनशैली बीमारियां हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौती है। हड्डी, त्वचा, बालों और पेट आदि की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में हमें एक ऐसे Healthy Diet की जरूरत है, जो हमें इन  परेशानियों से निजात दे सके। ओट्स (Oats In Hindi) एक ऐसा ही हेल्थी अनाज  है। यह हमारे लिए कुदरत का एक वरदान है। तो आइए जानें, रोज ओट्स खाने के फायदे (Oats Khane Ke Fayde In Hindi) को। 

आवश्यक पोषक तत्वों का एक बेहतरीन श्रोत: 

ओट्स हमारे शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का एक बेहतरीन श्रोत है। आहार विशेषज्ञ ओट्स  को  प्रोटीन और ऊर्जा का मुख्य स्रोत मानते हैं। समें कई प्रकार के विटामिंस, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट और  फाइबर पाया जाता है। यह Gluten Free होता है, जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह Immunity को मजबूत कर Free  Radicals के प्रभाव को कम कर शरीर की रक्षा करता है।


सेहत के लिए फायदेमंद :

हमारे सेहत के लिए ओट्स बहुत फायदेमंद होता है। 

  • ओट्स Cholesterol, Blood Pressure और Blood Sugar के Level को नियंत्रित करता है। 
  • वजन को नियंत्रित करता है। 
  • यह  इम्युनिटी  को मजबूत कर शरीर की रक्षा करता है।
  • यह हमें मोटापा, हृदय रोग, कैंसर, डायबिटीज जैसे घातक बीमारियों से बचाता है। 
  • कब्ज को दूर Digestion को ठीक रखता है।
  • Brain एवं Thyroid के Functions को Healthy बनाता है।
  • बालों  और स्किन के लिए फायदेमंद। 
  • बच्चों गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद। 
  • इसमें Anti-Inflammatory गुण होता है। 
  • यह घुलनशील फाइबर का एक अच्छा श्रोत है। जिसमें बीटा-ग्लूकॉन होता है, जो ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम कर इंसुलिन को नियंत्रित करता है। 

इस प्रकार से ओट्स के कई फायदे हैं। इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए हमें ओट्स में उपस्थित पोषक तत्वों और ओट्स के प्रकार को जानना होगा। इससे पहले आइए जानें कि ओट्स क्या है ?

ओट्स क्या है-Oats Kya Hai

 ओट्स गेहूं, जौ, मक्का और मिलेट की तरह एक हेल्थी अनाज (Cereal) है।ओट्स (Oats) को हिंदी में जई (Jaee) कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम एवेना सैटिवा एल (Avena sativa L) है। यह Poaceae grass family का एक पौौधा है।

अंग्रेजी शब्द Cereal (सीरिअल) अनाजों की रक्षा करने वाली रोम की देवी Ceres (सीरस) से बना है। और वास्तव में ओट्स एक ऐसा Cereal (अनाज) है, जो हमें बीमारियों से रक्षा कर शरीर को स्वस्थ व तंदुरुस्त बनाता है।

“जई” (Oats) देखने में “जौ” (Barley) की तरह लगता है। परंतु दोनों अलग-अलग अनाज है। ओट्स के कई स्वास्थ्य लाभ तथा अन्य उपयोग हैं। यह किसी-किसी को नुकसान भी करता है। यह बाजार में आसानी से मिलता है। ओट्स  के कई प्रकार और ब्रांड्स मार्केट में उपलब्ध है।


ओट्स के प्रकार-Types of you in in Hindi

मार्केट में कई प्रकार के अलग-अलग ब्रांड्स के ओट्स मिलते हैं। ओट्स को सही तरीके से बनाने और इसके प्रयोग विधि के लिए, इसके प्रकारों को जानना जरूरी है। ओट्स निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-

1. कच्चा जई-Raw Oats in Hindi

गेहूं की तरह ओट्स की कटाई की जाती है। उस समय उसमें डंठल और अनाज के दाने दोनों होते हैं। ओट्स के इस नयी फसल को कच्चा जई (Raw Oats) कहते हैं।

2. ओट्स ग्रोट्स- Oats Groats in Hindi

ओट्स के अनाज के दानों का उपयोग किया जाता है। इसके लिए सबसे पहले इसे डंठल से अलग कर दिया जाता है। दाना कठोर छिलका (Hull) से घिरा होता है, जिसे जानवर पचा लेते हैं, लेकिन इंसान नहीं। इसलिए इसे  छीलकर हटा दिया जाता है।

इस बिना छिलका वाले ओट्स के साबुत अनाज (Whole Grain Oats) को ओट्स ग्रोट्स (Oats Groats)  कहते हैं। यह ओट्स का मूल रूप है। इससे शरीर को बहुत ज्यादा ऊर्जा मिलती है तथा सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। परंतु इसको पकाने में  लगभग 1 घंटा समय लगता है।

3. स्टील कट ओट्स-Steel Cut Oats in Hindi

ओट्स ग्रोट्स जल्दी पक जाए, इसके लिए इसे स्टील के ब्लेड से 2-3 टुकड़ों में काट दिया जाता है। इसे Steel Cut Oats या  Irish Oatmeal कहते हैं। यह बहुत फायदेमंद होता है। यह 20-30 मिनट में पक जाता है

4.स्कॉटिश जई का दलिया-Scottish Oatmeal In Hindi

स्कॉटिश जई का दलिया (Scottish Oatmeal) सदियों पुरानी एक ओट्स का प्रकार है। इसे बनाने के लिए Whole Oats Groats को  पत्थर से मोटा दरदरा पीस दिया जाता है। इससे यह छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट कर Creamy Colour का हो जाता है।

5. रोल्ड ओट्स- Rolled Oats in Hindi

रोल्ड ओट्स को बनाने के लिए सबसे पहले Oats Groats को भाप में पकाते हैं। फिर इसे बेलन (Roller) से बेलकर चपटा (Flat) कर दिया जाता है।


इस विधि से बने ओट्स को  “रोल्ड ओट्स” (Rolled Oats) या  “लुढ़का हुआ ओट्स” कहते हैं। यह सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है और 10-15 मिनट में पक जाता है।

रोल्ड ओट्स सबसे पुरान और उच्च गुणवत्ता वाला ओट्स है। यह विटामिंस से भरपूर, चपटा और अनियमित आकार का होता है। रोल्ड ओट्स का निर्माण कई सारी कंपनियां करती हैं। यह कई प्रकार के होते हैं।

रोल्ड ओट्स के प्रकार-Types Of Rolled Oats In Hindi

रोल्ड ओट्स 3 प्रकार के होते हैं-

I. पुराने जमाने के जई- Old–Fashioned Oats In Hindi

Oats Groats को भाप में पकाया जाता है। फिर इसे बेलन (Roller) से चपटा कर कुटा जाता है। यह 5 मिनट में पक कर तैयार हो जाता है।

Ii. त्वरित ओट्स- Quick-Cooking Oats In  Hindi

इसे बनाने के लिए सबसे पहले साबुत ओट्स को पकाते हैं। फिर इसे सूखा कर छोटे- छोटे टुकड़ों में कटा जाता है। इसके बाद इसे Roller से Old–Fashioned Oats से भी पतला चपटा कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया से बना ओट्स मात्र 1 मिनट में पक जाता है इसलिए इसे त्वरित ओट्स (Quick-Cooking Oats) कहते हैं।

Iii तुरंत या तत्काल ओट्स-Instant Oats In Hindi

Quick-Cooking Oats की तरह, पहले ओट्स ग्रोट्स को पका कर सुखाते हैं। इसके बाद इसे पतला-पतला काट कर रोल किया जाता है। यह तुरंत पक जाता है। इसलिए इसे तुरंत या तत्काल ओट्स (Instant Oats) कहते हैं।

बाजार में बिकने वाले ओट्स के प्रकार :

प्रायः स्टील कट ओट्स और रोल्ड ओट्स दो प्रकार के ओट्स मार्केट में मिलते हैं। परंतु इसके तथा अन्य प्रकारों के अलावा ओट्स के कुछ और भी प्रकार हैं। जिसका स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत महत्व है। वे हैं-

  1. दलिया (Oatmeal)
  2. जई का आटा (Oat Flour)
  3. जई का चोकर (Oats Bran)

 

1. जई का दलिया-Oatmeal in Hindi

  • जई का दलिया, दरदरा पिसा हुआ जई का आटा होता है।
  • इसे अंग्रेजी में Oatmeal कहते हैं।

निर्माण विधि:  

  • ओट्स के साबुत अनाज के दानों को कूटकर भूसी को उतार ली जाती है।
  •  फिर इसकी सेंकाई की जाती है।
  •  इसके बाद इसे मोटा-मोटा पीस कर इसका दरदरा आटा बनाते हैं।

 

2. जई का आटा-Oat Flour In Hindi

  • गेंहू की तरह ओट्स ग्रोट्स को आटा चक्की में बारीक महीन पीसा जाता है।
  • जिसे जई का आटा (Oat Flour) कहते हैं। 

 

ओट्स की दलिया और आटा में अंतर:

  •  इन दोनों में थोड़ा-सा अंतर है। 
  • दलिया मोटा दरदरा पीसा होता है, तो आटा बारीक महीन।


3. जई का चोकर-Oat Bran in Hindi

  • जई का चोकर (Oat Bran) दूसरे अनाजों (जैसे- गेहूं आदि) की तरह चोकर (Bran) ही है।
  • यह Whole Grains तो नही हैं, परंतु बहुत फायदेमंद होता है।

नोट:  सभी प्रकार के ओट्स न्यूट्रीशन में लगभग समान होते हैं। आप अपने पसंद के हिसाब से कोई भी ओट्स खा सकते हैं।


ओट्स में पोषक तत्वों की मात्रा - Nutritional Content of Oats In Hindi 

 मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients)

    • ऊर्जा : 1,628 कि. जूल (389 कि. कैलोरी)
    • कार्बोहाइड्रेट्स : 66.30 ग्राम
  - स्टार्च  : 85 % 
  - आहारीय रेशा   : 11 %
  - शर्करा (सुक्रोज) : 01 %
    •  वसा  : 6.90 ग्राम

           - संतृप्त वसा (Saturated Fats) : 1.21 ग्राम

           - एकल असंतृप्त वसा  (Mono Unsaturated Fats)   :  2.18 ग्राम

          - बहु असंतृप्त वसा  : 2.54 ग्राम

    •  प्रोटीन : 16.90 ग्राम

माइक्रोन्यूट्रिएंट्स  (Micronutrients)

    •  विटामिन (Vitamins) :

             - विटामिन-बी 1 : 763 मा.ग्रा.

             - विटामिन-बी 2 : 139 मा. ग्रा.

             - विटामिन-बी 3 : 961 मा. ग्रा.

             - विटामिन-बी 5 : 1.349 मि.ग्रा.

             - विटामिन-बी 6 : 120 मा.ग्रा.

             - विटामिन-बी 9 : 56 मा.ग्रा.

    • खनिज लवण (Minerals) :

            - कैल्शियम (Ca) : 54 मि.ग्रा.

            - आयरन (Fe) : 05 मि.ग्रा.

            - मैग्नीज (Mn)   : 04.9 मि.ग्रा.

            - मैग्निशियम (Mg) : 177 मि.ग्रा.

            - फास्फोरस (P)  : 523 मि.ग्रा

            - पोटैशियम (K)  : 429 मि.ग्रा.

            -  सोडियम (Na)  : 02 मि.ग्रा.

            - जिंक (Zn)    : 04 मि.ग्रा.

    •  अन्य घटक (Other Constituents) :

             घुलनशील रेशा (Soluble Fiber) :

               - बीटा-ग्लूकॉन (β-glucans) : 4 ग्रा.

             खनिज (Mineral):

               - सेलेनियम (Se) : अल्प मात्रा में

            एंटीक्सीडेंट्स (Antioxidants):

             # एवेनथ्रामाइड्स  (Aventhramides)

             # फेरुलिक एसिड (Ferulic Acid)

             # फायटिक एसिड (Phytic Acid)


ओट्स के पोषक तत्वों के फायदे-Benefits of Oats Nutrients In Hindi

ओट्स एक  ग्लूटेन फ्री, पौष्टिकता से भरपूर और स्वास्थ्यप्रद अनाज है। इसमें मौजूद पोषक तत्व हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। तो आइए ओट्स में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के फायदे के बारे में जानें…


 कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates):


  • वैसे तो ओट्स में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा लगभग 66% होती है। फिर भी यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
  • डायबिटीज के मरीज भी ओट्स को खा सकते हैं। जानते हैं क्यों? क्योंकि ओट्स में सुक्रोज (चीनी) की मात्रा सिर्फ 1% होता है। शेष Complex Carbohydrates होते हैं।
  • यह देर से पचता है और शरीर को धीरे-धीरे ऊर्जा (Sustained Energy) मिलती है।

आहारीय रेशा (Dietary Fiber):

  • ओट्स में एक विशेष प्रकार का घुलनशील डायटरी फाइबर Beta-glucan होता है। इसे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
  • यह LDL और Total Cholesterol के Level को कम कर ब्लड प्रेशर का नियंत्रण करता है।
  • Insulin के Secretion को बढ़ा कर Blood Suger Level को कम करता है।
  • आंत के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ा कर पाचन-क्रिया को ठीक करता है।
  • यह देर से पचता है, जिसके कारण पेट देर तक भरा हुआ लगता है तथा भूख कम लगता है।

प्रोटीन (Protein):

  • ओट्स में 11-17 % प्रोटीन होता है। इतना ज्यादा प्रोटीन किसी दूसरे अनाज में नहीं होता है।
  • इसमें Legume protein के जैसा 80% Avenalin होता है। जो किसी भी दूसरे अनाज में नहीं होता है।

वसा (Fats):

  • ओट्स में वसा की मात्रा लगभग 7% होता है।
  • इसमें Unsaturated Fats ज्यादा होता है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है।
  • Saturated Fats स्वास्थ्य के लिए खराब होता है। ओट्स में इसकी बहुत कम मात्रा लगभग 1.21% होता है।

विटामिन एवं मिनरल:

  • ओट्स में शरीर के लिए जरुरी और महत्वपूर्ण विटामिन एवं मिनरल होते हैं।
  • यह शरीर को रोगों से रक्षा कर स्वस्थ्य बनाता है।

एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants):

  • ओट्स में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होता है।
  • यह Free Radicals के दुष्प्रभाव को कम कर शरीर को तंदरुस्ती प्रदान करता है।
  • Aventhramides नामक Antioxidant सिर्फ ओट्स में पाया जाता है।
  • यह Arteries में सूजन को कम, B.P. को नियंत्रित एवं खुजली को ठीक करता है।


ओट्स के फायदे - Health Benefits Of Oats In Hindi

रोजाना ओट्स खाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। सुबह नाश्ते में ओट्स खाना को ज्यादा लाभदायक होता है। इससे आदमी दिनभर Energetic रहता है। ओट्स खाने के फायदे का सबसे बड़ा कारण इसका पोषक तत्व है। ओट्स में कुछ खास पोषक तत्व होते हैं, जो दूसरे अनाज में नहीं होते हैं।

ये पोषक तत्व शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत कर हमें बीमारियों से बचाता है। इसलिए ओट्स को Healthy Cereal Grain तथा Super Food कहते हैं। रोजाना ओट्स खाने के फायदे निम्नलिखित हैं। 


1. cholesterol Level का नियंत्रण :


2. Blood Pressure का नियंत्रण : 

 

3. Blood Sugar Level को नियंत्रित कर Type-2 Diabetes में लाभदायक 

 

4. हृदय रोगों  के खतरे को कम करना 

 

5. Free Radicals को कम करना 

 

6. Cancer  की रोकथाम 

 

7. Immunity को बढ़ाकर शरीर को  बीमारियों से बचाना 

 

8. Brain और Thyroids के Functions में महत्वपूर्ण भूमिका 

10. मोटापा को कम करना 

11. कब्ज को दूर करना 

11. पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान कर पेट की रोगों से बचाव 

 

12. ऊर्जा प्रदान कर शरीर को देर तक Energetic  बनाए रखना 

 

13. चेहरे और त्वचा के लिए फायदेमंद 

 

14. कील मुंहासे को ठीक करना 

 

15. एक्ज़िमा, खुजली, त्वचा पर दाने आदि रोगों में लाभदायक 

 

16. बालों को पोषण कर मजबूत व स्वस्थ्य बनाना 

 

17. Brain में Serotonin के Level को बनाये रखना 

 

18. मानसिक तनाव को कम करना 

 

19. Depression  को कम करना 

 

20. अच्छी नींद लाने में मदद करना 

 

21. याददाश्त को ठीक रखना 

 

22.शरीर को Healthy बनाए रखना 

तो दोस्तों, देखा आपने ओट्स खाने के फायदे को। रोजाना ओट्स खाने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यही वह खास वजह है कि आज पूरी दुनिया में जई के दानों (Oats grains) से विभिन  प्रकार के स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन (Recipe) बनाया जाता है।

स्वास्थ्य की दृष्टि से जई के दानें (Oats grains)  ही नहीं, जई के चोकर (Oats bran) भी लाभप्रद हैं। अतः Oats के साबूत अनाज, दानें, दलिया, आटा और चोकर का उपयोग खाने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजन बना कर किया जाता है।


ओट्स खाने के नुकसान-Side effects of Oats in Hindi


सामान्यतः ओट्स नुकसान नहीं करता है। परंतु  कुछ अवस्था में यह नुकसान कर सकता है-

मात्रा (Dose):

  • ओट्स की कोई निश्चित मात्रा नहीं है।
  • एक  व्यस्क व्यक्ति इसे 30-40 ग्राम प्रतिदिन खा सकता है।
  • परंतु इसको अधिक मात्रा में खाने पर नुकसान कर सकता है।

गुणवत्ता (Quality):

  • Low Quality की ओट्स से थकान, कमजोरी, नींद की समस्या आदि हो सकती हैं।
  • इसलिए ओट्स को खरीदते समय इसकी गुणवत्ता की जांच अवश्य कर लें।

कम पकना (No Well-Chucked) :

  • ओट्स ठीक से न पकने पर  नुकसान कर सकता है।

ग्लूटेन (Gluten):

प्राकृतिक रूप से ओट्स ग्लूटेन रहित भोजन है अर्थात् Naturally Oats are Gluten Free Food है। परंतु  इसकी Processing (तैयारी) के  समय या इसमें मिलावट की वजह से Gluten हो सकता है। इसलिए जिस पैकेज पर Gluten-Free Oats लिखा हो, उसे ही खरीदें।

 ग्लूटेन क्या है-What is Gluten in Hindi 

  • ग्लूटेन एक प्रकार का अघुलनशील प्रोटीन है।
  • यह दो प्रकार के प्रोटीन Gliadin और  Glutenin से मिलकर बना होता है।
  • यह गेहूं, जौ, राई आदि की आटा तथा मैदा में होता है।
  • यह 10 % लोगों को नहीं पचता है, जिससे  Digestive Problem तथा छोटी आंत में “सैलिएक रोग” होता है।


ओट्स बनाने (खाने) का तरीका:


  • ओट्स बनाने के कई तरीके हैं। इसे आप दूध और चीनी में पकाकर या इसका खीर बनाकर खा सकते हैं।
  • इसे दूसरे सब्जियों के साथ भी खा सकते हैं।
  • इसका सुप या दलिया बनाकर खा सकते हैं।
  • इसे दूसरे दालों के साथ मिलाकर इसका खिचड़ी बना सकते हैं।


Disclaimer : 

इस ब्लॉग पोस्ट में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए दी गई है। ओट्स का प्रयोग करने से पहले आप आहार विशेषज्ञ (Dietitian) या डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लें। किसी भी प्रकार की दुष्प्रभाव के लिए वेबसाईट healthmottoblog.in जिम्मेवार नहीं है। 

अंत में लेखक की कलम से-Author Site


दोस्तों, I hope यह ब्लॉग पोस्ट, " जानें, रोज ओट्स खाने के फायदे - Oats Khane Ke Fayde In Hindi " आपको पसंद आया होगा। इसमें आप जाने कि ओट्स पोएसी घास परिवार का गेहूं, जौ, मक्का, राई आदि की तरह एक अनाज है। पहले इसे खरपतवार या घास मान कर सिर्फ पशुओं के लिए उपयोग होता था। परंतु ओट्स की कई स्वास्थ्य लाभ के कारण आज लोगों में इसकी लोकप्रियता एवं मांग बढ़ती जा रही है।

प्राकृतिक रूप से ओट्स Gluten Free होता है तथा कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप व रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है। यह मोटापा, फ्री रेडिकल  को कम कर हमें हृदय रोग, मधुमेह एवं कैंसर से बचाता है। ओट्स मष्तिष्क, बालों, चेहरा एवं त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। यह हमें ऊर्जा प्रदान कर हमारे शरीर को सेहतमंद बनाती है। यही वजह है कि आज पूरी दुनिया जई (Oats) को हेल्दी अनाज तथा Super Food मान रही है।

अंत में आप से आग्रह है कि इस जानकारी से लाभ उठायें तथा दूसरों को भी Share करें। आपकी उत्तम स्वास्थ्य एवं सुखी जीवन की शुभ कामनाओं के साथ

धन्यवाद…

Desclaimer : 

FAQs

1.

21 अप्रैल 2024

Aam Khane Ke Fayde In Hindi - जानें, आम खाने के 10 फायदे

Aam Khane Ke Fayde In Hindi
Aam Khane Ke Fayde In Hindi


दोस्तों, आपका Health Motto Blog में स्वागत है। आज हम Aam Khane Ke Fayde In Hindi - आम खाने के 10 फायदे को जानेंगे। रोजाना आम खाने से हार्ट, पाचन तंत्र, आंखें, त्वचा, बाल, हड्डी इत्यादि हेल्दी रहते हैं। यह मोटापा, डायबिटीज़, कैंसर से  बचाता है। यह कार्ब्स, प्रोटीन, फाइबर, वसा, फाइटोन्यूट्रिएंट्स, विटामिन्स, एवं मिनरल्स से भरपूर होता है। इसमें आयरन, कैल्शियम, मैगनीशियम, पोटेशियम, जिंक और विटामिन- A, C, E एवं  एंटीऑक्सीडेंट  होता है। आम का वनस्पति नाम मंगीफेरा इंडिका (Mangifera indica) है। यह  एक सुगंधित, रसीला, गुद्देदार, मीठा, स्वादिष्ट, पौष्टिक और लोकप्रिय फल है। यह भारत का राष्ट्रीय फल है।


Aam Ke Fayde


आम (Mango In Hindi) की खुशबू एवं स्वाद लाजवाब होते हैं। इसके फल, फूल, तना, पत्तियां , छाल, गुठली एवं जड़ सभी के फायदे हैं। इसलिए इसे "फलों का राजा" कहा जाता है। इसे लगभग 4-5 हजार वर्ष पहले दक्षिण एशिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में उगाया गया था। इसकी लगभग 1400 प्रजातियां हैं, जिसमें से लगभग 1000  भारतीय हैं। दशहरी, जरदालु, सफेदा, लंगड़ा, किशन भोग, बंबई, मालदा, तोतापुरी, फजली इत्यादि प्रमुख आम की किस्में हैं। ब्लॉग पोस्ट  "Aam Khane Ke Fayde In Hindi - जानें, आम खाने के 10 फायदे " में आम की  विस्तृत जानकारी दी गई है। इसमें हम आम के फायदे और आम के पेड़ के बारे में जानेगें।  

आम के बारे में कुछ रोचक तथ्य - Some Facts About Mango

परिचय :

  • ल का नाम : हिन्दी- आम, अंग्रेजी- मैंगो (Mango)।
  • वैज्ञानिक नाम: मंगीफेरा इंडिका (Mangifera indica) है, जिसका मतलब है - “आमों को                उगानेवाला भारतीय पौधा”।
  • फैमिली :  एनाकार्डिएसी के फूलदार पौधा का सदस्य।
  • प्रकार :  प्राचीनकाल से लोकप्रिय, स्वादिष्ट, मीठा, रसीला, पौष्टिक, सुगंधित, गुद्देदार, गुठलीदार  (Drupe), स्वास्थ्यवर्द्धक, उपयोगी एवं औषधीय गुणों वाला फल। 
  • राष्ट्रीय फल : भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस।
  • राष्ट्रीय वृक्ष :  बंगलादेश का राष्ट्रीय वृक्ष है।
  • वृक्ष : विशाल, सदाबहार एवं छायादार। 

जानकारी एवं वर्णन :

  • आम की जानकारी मानव को कब से है, यह अनिश्चित है। परंतु प्राचीन ग्रंथ बाल्मीकीय रामायण और  महाभारत में इसका वर्णन है। बौद्ध कालीन ग्रंथों में भी भगवान बुद्ध को आमों के गुच्छे भेंट करने का वर्णन है।
  • उत्पत्ति: विशेषज्ञों के अनुसार आम सबसे पहले 4,000–5,000 वर्ष पूर्व में भारत में उगाया गया था।
  • राष्ट्रीय फल : भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस 
  • राष्ट्रीय वृक्ष : बंगलादेश 
  • प्रतिक एवं संकेत : भारत में आम “प्रेम का प्रतिक” तथा  इसका एक टोकरी “मित्रता का संकेत” है।
  • भाग : आम के फल के मुख्य रूप से 3 भाग होते हैं- 
                  बाहरी भाग -  त्वचा के रूप में छिलका। 
                  बीच का भाग - खानेयोग्य गुद्देदार एवं मांसल। 
                  अंदर का केंद्रीय भाग - पत्थर जैसा होता है, जिसे गुठली कहते हैं।

  • जलवायु : 30 °F से ऊपर उष्णकटिबंधीय जलवायु आम के  लिए उपयुक्त होता है। अमेरिका में सिर्फ फ्लोरिडा और कैलिफ़ोर्निया के दक्षिण भाग में इसके लिए उपयुक्त जलवायु है।
  • प्रजातियां : विश्व में आम की लगभग 1400 प्रजातियां हैं। भारत में लगभग 1000 किस्में मिलती हैं, जो अधिकतर जंगली एवं बीजू हैं। हर किस्म का अपना खास गुण एवं तासीर है।
  • प्रमुख भारतीय किस्में: दशहरी, जरदालु, चौसा, सफेदा,  लंगड़ा, किशन भोग, बंबई, मालदा, तोतापुरी, फजली, नीलम, केसर, मालगोवा, वनराज, स्वर्णरेखा, मल्लिका, जहांगीर, ईनाम पसंद इत्यादि।
  • नई किस्में : आम्रपाली, दशहरी -51, मल्लिका, रत्ना, अर्का अनमोल, अर्मा पुनीत।
  • उपज: विश्व में सभी उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में इसकी उपज होती है, परंतु भारत में सबसे ज्यादा। उत्तर भारत में आम की उपज सबसे ज्यादा होती है। परंतु अक्सर एक वर्ष उपज अधिक होती है तो दूसरे वर्ष कम। वहीं दक्षिणी भारत में हर वर्ष उपज अच्छी होती है।
  • फल देने का समय : आम का पेड़ औसतन 5 वर्ष में फल देने लगता है। फल चार महीने में तैयार होता है। सबसे पहले केरल में इसकी फसल होती है, जो फरवरी से सितंबर तक मिलता है। कुछ किस्में पूरे वDivisionर्ष मिलता है।

औषधीय गुण:

  • वैज्ञानिकों के अनुसार : आम के फल, फूल, छाल, पत्तियों, गोंद, छिलका तथा गुठली में अनेकों औषधीय गुण होते हैं। 
  • आयुर्वेद के अनुसार : आम पौष्टिक, स्निग्ध, बलवर्धक, वीर्यवर्धक, वात-पित्त नाशक, कफवर्धक, भारी, कसैले रसयुक्त एवं अग्निवर्धक गुणधर्म वाला फल है।
  • आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसार: दूसरी फलों की तुलना में आम अत्याधि पौष्टिक, गुणकारी एवं स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।kk
  • लाभदायक पोषक तत्व : डाइटरी फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, आवश्यक अमीनो एसिड, विटामिन ए, सी, डी एवं अन्य विटामिन्स , खनिज पदार्थ, एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइटोन्यूट्रिएंट्स इत्यादि भरपूर मात्रा में।
  • नुकसानदायक पोषक तत्व: कोलेस्ट्रॉल, सोडियम एवं संतृप्त वसा कम मात्रा में।
  • स्वास्थ्य लाभ : भरपुर पोषक तत्वों के कारण पूरे शरीर के लिए फायदेमंद। पक्का आम  पित्त, यकृत वृद्धि, क्षय रोग (तपेदिक), श्वास रोग, मूत्र रोग, गर्भाशय एवं योनि रोग, वीर्यरोग, प्रमेह तथा रक्त संबंधित रोगों में लाभदायक।
  • रोकथाम एवं उपचार : कैंसर, मोटापा, डायबिटीज़, हृदय रोग, हाइपरटेंशन की रोकथाम एवं उपचार में सहायक।

 

आम का वर्गीकरण- Classification Of Mango 


 Scientific Classification Of Mango

Kingdom : Plantae 

Sub kingdom : Tracheobiodata 

Super  : Spermatophyta 

Division : Magnoliophyta 

Class : Magnoliopsida

Sub Class: Rosidae

Order: Sapindales

Family: Sapindales

Genus : Mangifera 

Species : Indica L. 


आम फल की रासायनिक घटक - Chemical Components Of Mango Fruit in Hindi


  • नमी ( जल)         :  81 – 86.10%   

  • कुल कार्बोहाइड्रेट :  11-20%

       – इक्षु शर्करा       :  6.78 – 16.99%

       – ग्लूकोज           1.53 – 6.14%  

  • आहारीय रेशा      :  0.7 – 1.1% 

  • प्रोटीन                :  6.60 – 9.60% 

  • वसा                   :  0.1- 0.4% 

  • खनिज लवण       :  0.3%

      – लौह              :  0.3 – 0.5 %

      – फास्फोरस      :  0.02%

  •       – कैल्शियम      :  0.01%
  •  विटामिन-A तथा C : प्रचुर मात्रा में 

 

100 ग्राम आम में पोषक तत्वों की मात्रा - Nutritional Value In 100 Grams Mango In Hindi 


मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients)  

    • ऊर्जा : 250 किलो जूल (59 किलो कैलोरी
    • कुल कार्बोहाइड्रेट : 15  ग्राम 

          - शर्करा             : 13.7 ग्राम
          - आहारीय रेशा   : 1.6 ग्रा 

    • वसा                    :  0.38 ग्राम 
    •  प्रोटीन                  :  0.82 ग्राम

 माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (Micronutriets) :


विटामिन (Vitamins): 
  • विटामिन A                      : 4800 IU
  • थायमिन (विटामिन B1)     : 0.03 मिलीग्राम 
  • राइबोफ्लेविन(विटामिनB2) : 0.04 मिलीग्राम
  • नियासिन(विटामिन B3)      : 0.67 मिलीग्राम 
  • विटामिन B5                     : 0.19 मिलीग्राम
  • विटामिन B6                     : 0.12 मिलीग्राम
  • फोलेट (विटामिन B9)         : 43 माइक्रोग्राम
  • कोलिन (Choline)           : 7.6 मिलीग्राम
  • विटामिन C                        : 36.4 मिलीग्राम
  • विटामिन E                        : 0.9 मिलीग्राम 
  • विटामिन K                        : 4.2 माइक्रोग्राम
 खनिज (Minerals) : 

    • कैल्शियम   (Ca)    : 11 मिलीग्राम
    • लोहा          (Fe)    :  0.16 मिलीग्राम
    • मैग्निशियम (Mg)   :  10 मिलीग्राम
    • फॉस्फोरस  (P)       :  14 माइक्रोग्राम 
    • पोटैशियम  (K)       :  168 मिलीग्राम 
    • सोडियम    (Na)    :   1 मिलीग्राम
    • तांबा         (Cu)     :   0.111 मिलीग्राम
    • मैगनीज     (Mn)    :   0.63 मिलीग्राम
    • जस्ता        (Zn)     :   0.09 मिलीग्राम


आम के पेड़ का वर्णन - Description Of Mango Tree In Hindi

वृक्ष (Tree) :  

  • विशाल (काफी बड़ा
  • लंबाई - 30 फीट से 100 फीट तक 
  •  दीर्घायु (लंबी-उम्र )- 100-300 वर्ष तक
  •  घना एवं छायादार 
  •  उपयोगी
  •  स्थलीय

तना (Stem) : 

    • लंबा, मोटा एवं मजबूत  
    • कठीली एवं ठोस 

          उपयोग (Uses) - 

    • घरेलू कार्यों जीसीसी में 
    • फर्निचर बनाने में 
    • लकड़ी के सामान आदि बनाने मे 
    • धार्मिक कार्यों  में
    • जलावन (ईंधन) के रूप में 

        पत्तियां (Leaves):

    •    चमड़ी के जैसी
    •    सरल (सादी)
    •    एकान्तरित
    •    लंबी- 5 से 16 इंच 
    •    भालेनुमा (प्रसकार) या दीर्घ वृत्ताकार आगे का भाग नुकीला 
    •    1 वर्ष या उससे अधिक पेड़ में लगा रहता है।

        फूल (Flowers) :

    • फूलों को “मंजरी” या “बौरा” कहते हैं
    • छोटे एवं ऐंठलरहित
    • रंग – हल्के वसंती या लाल
    • लंबाई – 4 से 16 इंच 
    • प्रत्येक फूल में सफेद पंखुड़ियां (White Petals) होती है 
    • हल्की मीठी सुगंध (Mild Sweat-Aroma)
    • मंजरी की संख्या बहुत ज्यादा होती हैं 
                    – परंतु अधिकतर संक्रमित होकर गिर जाते हैं 

                     – केवल 1% परिपक्व होकर फल बन पाते हैं

    • मंजरी वालेटेरर रीë77iiuúvvvbbbbib पेड़ का दृश्य – बहुतसुंदर

            वृन्त -

  • ऐंठल
  • 1 से 4 इंच लंबा

   पुष्पक्रम (Inflorescence) -

    • संयुक्त एकवर्ध्यक्ष (Pelican)
    • प्रशाखित
    • लोमश

फल (Fruit) :

    •   रसदार (Succulent)
    •   गुद्देदार (Fleshy)
    •   गुठली वाला (Drup
    •   विश्व प्रसिद्ध स्वादिष्ट (Tasty)

  रंग- 

    • हरा, पीला, नारंगी, लाल, सिंदूरी

  आकर-

    • गोलनुमा 
    • अंडाकार या वृक्काकार (Oval-Shaped or Kidney-Shaped)

    लंबाई-

    •  2-10 इंच (5-25 सेमी०) 
    • कच्चा फल :

    • कसैला
    • खट्टा
    • वात-पित्त वर्धक
    • गले की रोग, अतिसार योनि एवं नेत्र रोग नाशक
    • रंग- हरा, पिला, नारंगी आदि 
    • आमचूर,चटनी,आचार आदि बनता है।

           पक्का फल :

      • मधुर, स्निग्ध, शीतल, वीर्य वर्धक
      • वात, प्रमेह एवं रुधिर रोग नाशक
      • अम्लपित्त, यकृतवृद्धि, श्वास  एवं क्षय रोग में लाभदायक
      • पौष्टिक
      • पोषकतत्व - कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, जल, विटामिन एवं मिनरल उपस्थित

    बीज (Seed) :

      • दो बीजपत्र

     छाल (Bark) :

      •   खुरदरी
      •    मटमैली या काली

    आम की किस्में (प्रजातियां) :

      • आम की लगभग पूरे विश्व में 1400 प्रजातियां (किस्में) हैं।
      • भारत में इसकी लगभग 1000 किस्में मिलती हैं।
      • अधिकतर किस्में जंगली एवं बीजू हैं।
      • हर किस्म का अपना खास गुण एवं तासीर है।

    भारतीय आम की मुख्य लोकप्रिय किस्में :

      •  दशहरी 
      •  जरदालु
      •  चौसा 
      •  सफेदा
      •  लंगड़ा
      •  रटोल 
      •  नीलम
      •  किशन भोग
      •  हिमसागर
      •  बंबई 
      •  बंबई  ग्रीन
      • बैगनपल्ली
      •  केसर
      •  मालगोवा
      •  वनराज
      •  स्वर्णरेखा 
      •  मल्लिका
      •  मालदा 
      •  बदामी 
      •  तोतापुरी 
      •  फजली 
      •  जहांगीर 
      •  ईनाम पसंद
      •  काले पाद 
      •  राजपुरी
      •  नई किस्में : 7
      •  आम्रपाली
      •  दशहरी -51
      •  मल्लिका
      • रत्ना 
      •  अर्का अनमोल
      •  अर्मा पुनीत


    "मैंगो” शब्द की उत्त्पति - Origin Of Word “Mango” In Hindi


    • आम की पेड़ तथा फल के नाम के लिए हिंदी में “आम” और अंग्रेजी में “Mango” शब्द प्रयोग होता है। इन शब्दों की उत्पत्ति वास्तव में कब और कहां हुई निश्चित रूप से बताया नहीं जा सकता है।
    • परंतु प्राचीन कालीन भारतीय ग्रंथों में आम की वर्णन एवं प्रशंसा है। इसके आधार पर सर्वप्रथम आम की पेड़ की उत्पत्ति लगभग 4 -5 हजार वर्ष पूर्व हुई होगी।
    • आम का उत्पति स्थान भारत उपमहाद्वीप के हिमालय के जंगली इलाके में उत्तरी पूर्वी क्षेत्र के भारत-वर्मा सीमा (म्यांमार) माना जाता है।
    • फिर आम-फल की पेड़ हिमालय की तराई की जंगली क्षेत्रों से उत्तरी भारत कि मैदानी भागों में फैलाने लगा। यह बिहार, उत्तर प्रदेश आदि क्षेत्रों में उपजने लगी। उसके बाद धीरे-धीरे  दक्षिणी भारत तक पूरे भारत में फैल गयी।

    आम्रफलं से आम-फल :

    • प्राचीन ग्रंथों में आम की वर्णन  संस्कृत भाषा में हैं। आम शब्द को भी संस्कृत के शब्द आम्र या आम्रं  (Aamram) से लिया गया है। 
    • संस्कृत में फल को  फलं (Phalam) कहते  हैं। आम्र और फलं शब्दों के योग से सस्कृत में आम्रफलं (Aamraphalam) शब्द बना है। जो हिंदी में आसान कर आम-फल (Aam- Phal) हो गया।

    आम-फल से मंगा :

    • हजारों वर्ष पूर्व पूरे दक्षिणी भारत का क्षेत्रीय भाषा तमिल था। तमिल में फल को कै (Kay) कहते हैं। इस प्रकार हिंदी का आम-फल (Aam-Phal) तमिल में आम-कै  (Aam-Kay) हो गया।
    • फिर बाद में आम-कै (Aam-Kay) तमिल भाषा के अनुसार   मांग-कै (Maang-Kay) हो गया। मलायम भाषा में  Maang-Kay को संक्षिप्त कर मंगा (Manga) हो गया।

    मंगा से मैंगो (Manga To Mango) :

    • सर्वप्रथम इंडिया की खोज में यूरोप के पुर्तगाली निवासी एवं 4 जहाजों के कमांडर वास्को डी गामा आया था। वह 8 जुलाई 1497 को 170 नाविकों के साथ पुर्तगाल की राजधानी  लिस्बन से चला था।
    • वह 20 मई 1498 को 10 माह 12 दिन की यात्रा कर समुद्री मार्ग से भारत पहुंचा था।
    • वह दक्षिणी मोजांबिक, मोंबासा, मलिंदी होते हुए भारत महाद्विप के दक्षिणी क्षेत्र मलायम के कालीकट बंदरगाह के  काप्पड़ गांव में उतरा था। कालीकट अब केरल की कोझीकोड (Kozhikode) जिला में है ।
    • पुर्तगालियों को भी आम फल का स्वाद भा गया। वे भी मलायम शब्द मंगा (Manga) को अपनी भाषा में भी मंगा (Manga) ही उच्चारण करने लगे।
    • परंतु एक बहुत ही दिलचस्प घटना घटित हुई। मलायम में उच्चारित मंगा (Manga) अंग्रेजी में मैंगो (Mango) हो गया। तो आइए जाने उस घटना को…

    एक दिलचस्प घटना :

    • एक पुर्तगाली नाविक आम-फल से इतना उत्साहित हुआ कि अपने एक अंग्रेज मित्र को पत्र लिखकर मंगा (Manga) यानी  आम-फल की खोज की सूचना दी।
    • उस समय टाइपराइटर (Typewriter) का अभी अविष्कार नहीं हुआ था। इसलिए उस पुर्तगाली ने अपने अंग्रेज मित्र को हाथ से पत्र लिखा था।
    • परन्तु अंग्रेज मित्र ने पुर्तगाली के पत्र को ठीक से समझ नही पाया। उसे समझ में नहीं  आया कि पत्र में मंगा (Manga)  लिखा है या मैंगो (Mango)।
    • उस समय अधिकतर पेड़-पौधे और फलों के नाम के अंत में “O" लगा होता था। जैसे- Tomato,  Potato इत्यादि। इसी आधार पर उस अंग्रेज ने “a" को "o" समझ कर मंगा (Manga) को मैंगो (Mango) उच्चारण किया।
    • इस प्रकार आम (Aam) शब्द संस्कृत भाषा के शब्द आम्रं (Aamram) से उत्पत्ति होकर तमिल में आम-कै (Aam-kay) तथा मलायम एवं पुर्तगाली में मांगा (Manga) शब्द से होते हुए अंग्रेजी में मैंगो (Mango) हो गया।
    • आज भी बहुत सारे देशों जैसे- अमेरिका, डेनिश, जर्मन, पोलिश, रोमानिया, स्पेनिश, स्वीडिश, तुर्की इत्यादि में आम को मैंगो (Mango) ही कहा जाता है।    


     “आम” के  विभिन्न भाषाओं में नाम  

    • वैज्ञानिक नाम(लैटिन) : मैंगिफेरा इंडिका (Mangifera Indica L) 
    • संस्कृत     :   आम्र, रसाल, मधुदूत, पीकवल्लभ 
    • हिंदी   :   आम, आम फल 
    • बंगाली     :   आम
    • मैथिली     :   आम 
    • भोजपुरी   :   आम 
    • मराठी      :   आम, अंबा (Amba), पिकलेला (Piklela)
    • मलायम    :   मान्न (Mann), मांगा (Manga), Mam pazham 
    • गुजराती    :   आम्बो (Aambo) 
    • कन्नड़       :   अंभ, Movina hannu
    • तमिल      :   भागायं, आम-कै (Aam- Kay), Mam pazham 
    • तेलगू       :    यमिदिचेट्टू, Mamidi pandu 
    • कश्मीरी    :   अम्ब(Amb) 
    • पंजाबी   :   अम्ब(Amb)
    • ओरिया    :   अम्बा (Amba) 
    • अंग्रेजी     :   मैंगो (Mango)  
    • अरबी      :   मांजु(Manju), Almanju, Manju Fakiha 
    • फ़ारसी    :   अंबेह (Ambeh) 

     

    Aam Khne Ke Fayde - जानिए, आम खाने के 10 जबरजस्त फायदे


    आम में स्वास्थ्य के लिए लाभदायक कई  पोषक तत्व होते हैं। यह रेशा, कार्बोहाइड्रेट, आवश्यक अमीनो एसिड, विटामिन ए, सी, डी एवं अन्य विटामिन से भरपूर होता है। इसमें खनिज पदार्थ, एंटीऑक्सीडेंट्स तथा फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं।

    आम में स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक तत्व काम पाया जाता है। जैसे इसमें कोलेस्ट्रॉल, सोडियम एवं संतृप्त वसा कम मात्रा में होता है।

    तो दोस्तों, आइए जानें आम खाने के फायदे को...

    1. पूरे शरीर के लिए फायदेमंद :

    भरपुर पोषक तत्वों के कारण आम पूरे शरीर को स्वस्थ बनाए रखता है।

    पक्का आम अम्ल पित्त, यकृत वृद्धि, क्षय रोग (तपेदिक) के लिए फायदेमंद होता है। यह श्वास रोग, मूत्र रोग, गर्भाशय एवं योनि रोग, वीर्यरोग, प्रमेह तथा रक्त संबंधित रोगों में लाभदायक होता है।

    2. कैंसर के लिए फायदेमंद 

    प्रोस्टेट कैंसर, पेट के कैंसर एवं स्तन कैंसर की रोकथाम एवं उपकार में सहायक।

    3. पेट  के लिए फायदेमंद 

    पेट संबंधित बीमारियों जैसे-अम्लपित्त, गैस, कब्ज,संग्रहणी, अतिसार एवं यकृत वृद्धि में लाभदायक।

    4. एनीमिया में फायदेमंद 

    रक्ताल्पता (Anaemia) को ठीक करता है।  

     5. वजन का नियंत्रण

    वजन को नियंत्रित कर मोटापा एवं दुबलापन दोनों को ठीक करता है।

    6. आखों के लिए फायदेमंद 

    प्रचुर मात्रा में विटामिन-A की वजह से आंखों के लिए फायदेमंद होता है।

    7. हार्ट के लिए फायदेमंद :

    हृदय संबंधित 7 बीमारियों जैसे-हृदयाघात, उच्च रक्तचाप की रोकथाम एवं नियंत्रण करता है।

    8. हड्डियों के लिए फायदेमंद :

    आम का गोंद टूटी हड्डियों को जोड़ता है तथा घुटनों के दर्द को ठीक करता है। 

    9. मधुमेह का नियंत्रण :

    आम के रस में जामुन का रस  बराबर मात्रा में मिलाकर खाने से मधुमेह नियंत्रित रहता है।  

    10. दिमाग के लिए फायदेमंद : 

    आम स्नायु-तंत्र को मजबूती प्रदान कर दिमाग की संतुलन को बनाए रखता है।

    दिमाग में एकाग्रता बनाकर स्मृति (Memory) को ठीक करता है।


    आम के अन्य फायदे  : Other Benefits Of Eating Mango 


    • स्त्री के गर्भाशय की रोगों एवं प्रदर रोगों को ठीक करता है।
    • खूनी बवासीर एवं नकसीर में लाभदायक।
    • त्वचा में निखार ला कर कील मुहांसों को ठीक करता है।
    • कच्चा आम स्कर्वी रोग को ठीक करता है।
    • शरीर में बल एवं वीर्य  की वृद्धि कर वीर्य विकार को ठीक करता है।
    • आम का पत्ता गुर्दा एवं पित्ताशय की पथरी (Stone of Kidney & Gall blader) में लाभदायक होता है।
    • इसके पत्ते का काढ़ा शहद के साथ  खाने से  सांस  संबंधित  रोग जैसे- सर्दी, खांसी एवं दमा में लाभ होता है।
    • आम की गुठली की गिरी के चूर्ण को 2 ग्राम की  मात्रा में सुबह-शाम गुनगुने पानी से खाने से प्रदर, अतिसार एवं श्वास रोग (दमा) में फायदा होता है तथा यह कृमि को भी नाश करता है।      


    आम खाने में सावधानियां :

    आम को खाने में निम्नलिखित सावधानियां जरूरी है-

    1. आम को 2 घंटे पानी में भिंगोकर रखने के बाद ही काटकर या चूस कर खाना चाहिए।
    2. भिंगोने के पहले या खाने के पहले इसके ऊपर के हिस्से को दबाकर थोड़ा रस को निकाल देना चाहिये।
    3. खाली पेट आम नहीं खाना चाहिए इससे नुकसान हो सकता है।आम को खाना के साथ या खाना खा लेने के बाद खाना चाहिए।
    4. आधा पका हुआ या अधिक पका हुआ तथा सड़े गले या पिलपिले आम को नहीं खाना चाहिए।
    5. जिसे अम्लपित्त, गैस या पतला दस्त हो रहा हो उसे कम मात्रा में आम खाना चाहिए या आम को उसे नहीं खाना चाहिए।
    6. आम खाने के बाद शरबत पीना नुकसानदायक होता है।
    7. आम खाने के बाद कच्चे दूध की लस्सी पीया जा सकता है।
    8. मधुमेह रोगियों को ज्यादा आम नहीं खाना चाहिए।

    The Bottom Line :

    तो दोस्तों, ये रहा Aam Khane Ke Fayde In Hindi-जानें, आम खाने के 10 फायदे। इस Content में आम खाने के फायदे, आम के पोषक तत्वों और आम के बारे में विस्तृत चर्चा की गयी है। 

     हमलोग जाने की आम एक पौष्टिक, स्वादिष्ट एवं उपयोगी फल है। इसकी पेड़, फल, फूल, पत्तियां और गुठली सभी उपयोगी  होते हैं। आम पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है और इसे “सभी फलों का राजा” कहा जाता है।

    आम की फल को कोई भी कुछ सावधानियों के साथ संतुलित मात्रा में खा सकता है। 

    मुझे पूरा विश्वास है की आम के बारे में दी गई हिंदी में जानकारी आपको अवश्य पसंद आया होगा। Pl इसलिए इस जानकारी अपने मित्रों एवं जानने वालों के पास इसे शेयर करें ताकि वे भी इस जानकारी से लाभान्वित हों।

    धन्यवाद